Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics | Ganesh ji Ki Aarti Lyrics in Hindi | गणेश जी की आरती लिरिक्स। जैसा कि सभी जानते हैं कि गणेश जी की आरती भक्ति भाव और श्रद्धा के साथ पढ़ी जाती है। यहां मैं आपके लिए पंकज नागिया द्वारा गाया गया श्री गणेश जी की आरती का आरती गीत प्रस्तुत कर रहा हूं:
PANKAJ NAGIA Ganesh Ji Ki aarti lyrics
- Label: T-Series Ganesh Bhajann
- Album: Jai Ho Ganesh Ganesh Bhajan
- Lyrics: Traditional
- Album: Ganesh Ji Ki Aarti
- Music Director: Rohit Kumar Bobby
- Lyricist: Shivani Taak
GANESH AARTI LYRICS IN HINDI
(आरती की ध्वनि बजती है)
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
एकदंत दयावंत, चारभुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुआन का भोग लगे, संत करें सेवा।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जै गणेश, जै गणेश, जै गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
(आरती की ध्वनि समाप्त)
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SHREE GANESH AARTI LYRICS (ENGLISH)
![PANKAJ NAGIA Ganesh Ji Ki aarti lyrics I गणेश जी की आरती Ganesh Ji Ki Aarti](https://ganeshaarti.online/wp-content/uploads/2023/08/79757181-min-1024x576.jpg)
Jai ganesh jai ganesh jai ganesh deva
mata jaki parvati, pita mahadeva
ekadanta dayavanta, char bhujadhaari
mathe par tilak sohe, muse ki savari
paan charhe, phool charhe aur charhe meva
ladduan ka bhog lage, sant karein seva
Jai ganesh jai ganesh jai ganesh deva
mata jaki parvati, pita mahadeva
andhe ko aankh deta, korhina ko kaya
baanjhana ko putra deta, nirdhana ko maya
soora shyama sharana aaye, saphal kije seva
mata jaki parvati, pita mahadeva
maata jaki parvati, pitaa mahadeva
mataa jaki parvati, pita mahadeva..
आशा है आपको यह आरती गीत पसंद आएगा, आप भगवान गणेश की आरती गाकर गणेश जी के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा व्यक्त कर सकते हैं।
गणेश जी का असली नाम क्या है?
कहते हैं कि भगवान गणेशजी का मस्तक या सिर कटने के पूर्व उनका नाम विनायक था। परंतु जब उनका मस्तक काटा गया और फिर उसे पर हाथी का मस्तक लगाया गया तो सभी उन्हें गजानन कहने लगे। फिर जब उन्हें गणों का प्रमुख बनाया गया तो उन्हें गणपति और गणेश कहने लगे।
गणेश जी ने क्या लिखा था?
किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत श्री गणेश से होती है. गणेश जी सुख-समृद्धि के देवता भी कहलाते हैं. गणेश जी ना केवल प्रथम पूजनीय देवता हैं, बल्कि उन्हें प्रथम लिपिकार भी माना जाता है. श्री गणेश ने ही वेद व्यास द्वारा रचित महाभारत का लेखन किया था.
गणेश जी का मंत्र क्या है?
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
गणेश जी का जन्म कैसे हुआ था?
शिवपुराण के अनुसार एक बार माता पार्वती ने स्नान से पूर्व शरीर पर हल्दी का उबटन लगाया था। इसके बाद जब उन्होंने उबटन उतारा तो इससे एक पुतला बना दिया और उसमें प्राण डाल दिए। इस तरह भगवान गणेश की उत्पत्ति हुई।
गणेश जी की आरती कैसे करें?
पुरुष धोती-कुर्ता पहन सकते हैं और महिलाएं बेरोजगारी या सलवार-कम पहन सकती हैं। भगवान को वस्त्र धारण करने के बाद आप अगरबत्ती जला सकते हैं, गंध आरती (प्रार्थना) के मंत्र का निर्माण कर देवी। इसके बाद आप मूर्ति के आभूषण पर चंदन (चंदन का लेप) या कोई अन्य तिलक वस्त्र लगाएं।
गणेश जी का सबसे प्रिय क्या है?
गणेशजी को सिन्दूर और दूब चढ़ाने से विशेष फल मिलता है। इसके अतिरिक्त उन्हें गुड़ के मोदक और ड्रमी के लोध, शामी के पेड़ के पत्ते और सुपारी भी प्रिय हैं। गणेश जी को लाल धोती और हरा वस्त्र पहनने का भी विधान है।
गणपति आरती के दौरान हम क्यों मुड़ते हैं?
“आत्मा मंदिर और मंदिर में देवताओं दोनों का प्रतीक है – इसके चारों ओर देवता, हम हर दिव्य अभिव्यक्ति के चारों ओर यात्रा और पूजा करने की क्रिया का अनुकरण कर रहे हैं।
गणेश जी का मंत्र क्या है?
ॐ गं गणपतये नमः